ट्रंप की टैरिफ नीति 2025: भारत के बाजार, महंगाई और रुपये पर बड़ा असर
2025 में ट्रंप की नई टैरिफ नीति से भारत के शेयर बाजार, पण्यमूल्य और रुपये की स्थिति पर क्या असर पड़ेगा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट और समझें आर्थिक प्रभाव।
2025 की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई टैरिफ (शुल्क) नीति लागू करने की घोषणा की है। इस नीति के तहत कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाएगा। यह फैसला वैश्विक व्यापार और भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि इसका असर भारतीय शेयर बाजार, महंगाई दर और रुपये की स्थिति पर कैसे पड़ेगा।
1. ट्रंप की नई टैरिफ नीति क्या है?
ट्रंप प्रशासन ने 2025 में "अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी" के तहत कई देशों से आयातित वस्तुओं पर 20-60% तक के शुल्क की घोषणा की है। इसमें स्टील, टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी वस्तुएँ शामिल हैं।
मुख्य बिंदु:
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भारत से अमेरिका को जाने वाले वस्त्र और फार्मा उत्पाद पर शुल्क बढ़ा।
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इलेक्ट्रॉनिक और मेटल उत्पादों पर भारी टैक्स लगाया गया।
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चीन और अन्य एशियाई देशों के साथ-साथ भारत को भी टारगेट किया गया।
2. भारतीय शेयर बाजार पर असर
नई टैरिफ नीति का असर शेयर बाजार में तुरंत देखने को मिला।
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BSE Sensex और Nifty 50 में शुरुआती गिरावट दर्ज हुई।
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एक्सपोर्ट-ओरिएंटेड कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान।
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आईटी और फार्मा सेक्टर पर दबाव, क्योंकि अमेरिकी मार्केट इनका बड़ा ग्राहक है।
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निवेशकों का रुझान सेफ-हेवन असेट्स जैसे गोल्ड की तरफ बढ़ा।
3. महंगाई दर और पण्यमूल्य पर प्रभाव
अमेरिका से जुड़े सप्लाई चैन में बदलाव और आयात-निर्यात की लागत बढ़ने से भारत में कई वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगी हैं।
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क्रूड ऑयल कीमतों में उछाल से पेट्रोल-डीजल महंगा।
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इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, ऑटो पार्ट्स और स्टील प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ीं।
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फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में कच्चे माल की कीमत में इजाफा।
इससे महंगाई दर (Inflation Rate) में 0.5% से 1% की बढ़ोतरी का अनुमान है।
4. रुपये की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता और निवेशकों का डॉलर की तरफ रुख बढ़ने से भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ।
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रुपया 2025 के पहले तिमाही में 1.8% गिरा।
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विदेशी निवेशकों ने भारतीय मार्केट से लगभग 2 बिलियन डॉलर निकाले।
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रुपये के कमजोर होने से आयात महंगा और महंगाई बढ़ने की संभावना।
5. आगे का आर्थिक परिदृश्य
अगर यह टैरिफ नीति लंबी चली तो भारत को अपने व्यापारिक पार्टनर्स को डाइवर्सिफाई करना होगा।
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Make in India और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है।
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भारत एशिया, अफ्रीका और यूरोप में नए मार्केट तलाश सकता है।
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सरकार को निर्यात बढ़ाने के लिए टैक्स में छूट और प्रोत्साहन देने की जरूरत होगी।
निष्कर्ष
ट्रंप की टैरिफ नीति 2025 भारत के लिए एक आर्थिक चुनौती बनकर आई है। यह न केवल भारतीय शेयर बाजार और महंगाई दर को प्रभावित करेगी, बल्कि रुपये की मजबूती पर भी दबाव डालेगी। हालांकि, सही नीतियों और नए व्यापारिक अवसरों के जरिये भारत इस संकट को एक मौके में भी बदल सकता है।
